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पीएफसी कंसल्टिंग लिमिटेड

पीएफसी अपने परामर्श सेवा समूह (सीएसजी) के माध्यम से विद्युत क्षेत्र को परामर्शी सहायता अक्तूबर, 1999 से ही प्रदान करता रहा है। सीएसजी यूनिट के अनुभव को बढ़ाते हुए और समूह द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं में विकास करते हुए सुधरते हुए विद्युत क्षेत्र में ऐसी सेवाओं की क्षमता को मानते हुए, पीएफसी ने इन सेवाओं को एक स्पष्ट समर्पित व्यावसायिक कार्य के रूप में संगठित करने का निर्णय लिया। तदनुसार, प्रचालनों में लचीलापन लाने और कार्यों में समुचित स्वायत्तता देने के लिए दिनांक 25 मार्च,2008 को पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के रूप में पीएफसी कंसल्टिंग लिमिटेड (पीएफसीसीएल) निगमित किया गया। पीएफसीसीएल को विद्युत क्षेत्र को परामर्शी सेवाओं के संवर्धन, आयोजना और उसे करने तथा यूएमपीपपी के विकास से संबद्ध कार्य करने के लिए भी अधिदेशित किया गया है। पीएफसीसीएल को विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्वंतत्र पारेषण परियोजना (आईटीपी) के लिए प्रवर्त्तक के चयन हेतु ""बोली संयोजक"" के रूप में नामित किया गया है।

प्रदान की जाने वाली सेवाओं की सीमा

पीएफसीसीएल द्वारा निम्नलिखित क्षेत्रों में प्रदान की जा रही सेवाओं में निम्न शामिल हैं

  • वितरण लाइसेंसधारियों द्वारा विद्युत की अधिप्राप्ति
  • यूएमपीपी, आईटीपी आदि जैसी भारत सरकार की पहलें
  • ईपीसी संविदाकार के चयन सहित परियोजना सलाहकार सेवाएं
  • सुधार, पुनर्गठन और विनियामक पहलू
  • ""वितरण लाइसेंसधारियों द्वारा विद्युत की अधिप्राप्ति के लिए बोली प्रक्रिया द्वारा टैरिफ के निर्धारण के लिए दिशानिर्देश"" के ""मामला 1 और मामला 2"" के माध्यम से विद्युत की अधिप्राप्ति।
  • नए ताप विद्युत स्टेशन के विकास के लिए समग्र सलाहकार सेवाएं
  • राज्य संगठनों के लिए लेखाकरण प्रणालियों का कम्प्यूटरीकरण
  • राज्य संगठनों के लिए पुनर्गठन/सुधारों का कार्यान्वयन।